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किनारा

किसी साहिल से पूछो किनारा क्या हैं
किसी परवाने से पूछो जलना क्या हैं …
सब को पता हैं कोई नहीं अपना
फिर क्यों हैं हैं यह दिल लगाना …
बेवफाई की आग में जलना …
ऐसे की खुद को मिटा जाना …
सच कहता हूँ दोस्तों ..
बेवफाई से मौत हे टीक हैं ..
खुदा ने जब तुम्हे बनाया होगा
तू उससके दिल पे एक सरूर चाय होगा
सोचा होगा की तुझको जानत में रखूँ
फ़िर उस्सको मेरा ख्याल आया होगा
खुशबू की तरह आपके पास बिखर जायेंगे,
सकूं बन कर दिल में उतर जायेंगे,
महसूस करने की कोशिश तो कीजिये,
दूर होते हुए भी पास नज़र आयें
वफ़ा के रंग में डूबी हर शाम तेरे लिए ,
यह डगर, यह नगर,मेरा नाम बस तेरे लिए,
तू महेक्ति रहे चांदनी रातों की तरह,
इस नए साल का पैगाम तेरे लिए
हम रूठे तो मनाना ,
हम बिछड़े तो मिलने आना,
हम रोए तो हसाना,
हमको कभी भूल मत जाना
हर पल किसी के आने की उम्मीद तो रहती थी
खुदा मुझे फिर से वोही तन्हाई दे
दे चाहे कोई खुशी बस इतना करम कर
मेरा गम मेरे चेहरे पे दिखाई दे.

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SANTOSH PIDHAULI

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