वो कहती है सुनो जाना ’
न मोहब्बत मोम का घर है
तपिश ये बाद घुमानी की कही ’
तपिश ये बाद घुमानी की कही ’
जिस दिल मई ज़रा भी बाद घुमानी हो वह ’
न कुछ और हो तौ हो मोहब्बत हो नहीं सकता वो कहती है ,
न , मोहब्बत क्या है ये तुमने सिखाया है
मुझे तुमसे मोहब्बत के सिवा कुछ भी नही आता
वो कहती है जुदाई से बोहत डरता है,
मुझे तुमसे मोहब्बत के सिवा कुछ भी नही आता
वो कहती है जुदाई से बोहत डरता है,
न कभी इस बात पर सोचा नही मैने
अगर इक्क पल को भी सोचू ’
अगर इक्क पल को भी सोचू ’
न खास लगती हूँ ’
न से तुम देखो
मेरी दीवानगी क्यों ’
मेरी दीवानगी क्यों ’
न है ये खुद ही जान जा ’
ओगे
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