सरस्वती माता आरती
जय सरस्वती माता जय जय हे सरस्वती माता, सदगण वैभव शालिनी त्रिभवन ववख्याता ॥ जय सरस्वती माता ॥
चंद्रवदनन पदमालसनी घनत मंगिकारी, सोह शभ हंस सवारी अति तेजधारी ॥ जय सरस्वती माता ॥ बाय कर म वीणा दाय कर म मािा, शीश मकट मणी सोह गि मोनतयन मािा ॥ जय सरस्वती माता ॥ देवी शरण जो आय उनका उद्धार ककया
सरस्वती माता आरती पैठी मंथरा दासी रावण संहार ककया ॥ जय सरस्वती माता ॥ ववद्या ज्ञान प्रदानयनी ज्ञान प्रकाश भरो, मोह और अज्ञान नतलमर का जग से नाश करो ॥ जय सरस्वती माता ॥ धप ददप फि मेवा मााँ स्वीकार करो, ज्ञानचक्षु दे माता भव से उद्धार करो ॥ जय सरस्वती माता ॥ मााँ सरस्वती जी की आरती जो कोई नर गाव, दहतकारी सखकारी ग्यान भक्ती पाव जय सरस्वती माता ॥ जय सरस्वती माता जय जय हे सरस्वती माता, सदगण वैभव शालिनी त्रिभवन ववख्याता॥ जय सरस्वती माता
कुछ लोग-59
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कुछ लोगमन में द्वेषजुबान पर अपशब्दऔर रूप मेंमासूमियत लिएकराते हैं एहसासअपनी
कड़वी तासीर का।ऐसे लोगों की चाहत होती हैकि वो आगे हो सकते हैंअपने वर्तमान
सेलेक...
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