Outअक्षय तृतीया वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि को मनाई जाती है। माना जाता है कि इस दिन कोई भी शुभ कार्य करने के लिए पंचागं देखने की जरूरत नहीं है। अक्षय तृतीया पर किए गए कार्यों का कई गुना फल प्राप्त होता है। इस साल अक्षय तृतीया पर शनि की चाल बदलना भी एक विशेष घटना है जिसका प्रभाव सभी राशियों पर अगले 6 महीने तक देखने को मिलेगा। इसे अखतीज के नाम से भी जाना जाता है।
क्यों मनाई जाती है अक्षय तृतीया?
हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया को लेकर कई मान्यताएं हैं। जिसमें से ये कुछ हैं :-
भगवान विष्णु के छठें अवतार माने जाने वाले भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। परशुराम ने महर्षि जमदाग्नि और माता रेनुकादेवी के घर जन्म लिया था। यही कारण है कि अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु की उपासना की जाती है। इसदिन परशुरामजी की पूजा करने का भी विधान है।
इस दिन मां गंगा स्वर्ग से धरती पर अवतरीत हुई थीं। राजा भागीरथ ने गंगा को धरती पर अवतरित कराने के लिए हजारों वर्ष तक तप कर उन्हें धरती पर लाए थे। इस दिन पवित्र गंगा में डूबकी लगाने से मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।
इस दिन मां अन्नपूर्णा का जन्मदिन भी मनाया जाता है। इस दिन गरीबों को खाना खिलाया जाता है और भंडारे किए जाते हैं। मां अन्नपूर्णा के पूजन से रसोई तथा भोजन में स्वाद बढ़ जाता है।
अक्षय तृतीया के अवसर पर ही महर्षि वेदव्यास जी ने महाभारत लिखना शुरू किया था। महाभारत को पांचवें वेद के रूप में माना जाता है। इसी में श्रीमद्भागवत गीता भी समाहित है। अक्षय तृतीया के दिन श्रीमद्भागवत गीता के 18 वें अध्याय का पाठ करना चाहिए।
बंगाल में इस दिन भगवान गणेशजी और माता लक्ष्मीजी का पूजन कर सभी व्यापारी अपना लेखा-जोखा (ऑडिट बुक) की किताब शुरू करते हैं। वहां इस दिन को ‘हलखता’ कहते हैं।
भगवान शंकरजी ने इसी दिन भगवान कुबेर माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने की सलाह दी थी। जिसके बाद से अक्षय तृतीया के दिन माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है और यह परंपरा आज तक चली आ रही है।
अक्षय तृतीया के दिन ही पांडव पुत्र युधिष्ठर को अक्षय पात्र की प्राप्ति भी हुई थी। इसकी विशेषता यह थी कि इसमें कभी भी भोजन समाप्त नहीं होता था।
अक्षय तृतीया का क्या है महत्व?
अक्षय तृतीया के दिन शुभ कार्य करने का विशेष महत्व है। अक्षय तृतीया के दिन कम से कम एक गरीब को अपने घर बुलाकर सत्कार पूर्वक उन्हें भोजन अवश्य कराना चाहिए। गृहस्थ लोगों के लिए ऐसा करना जरूरी बताया गया है। मान्यता है कि ऐसा करने से उनके घर में धन धान्य में अक्षय बढ़ोतरी होती है। अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर हमें धार्मिक कार्यों के लिए अपनी कमाई का कुछ हिस्सा दान करना चाहिए। ऐसा करने से हमारी धन और संपत्ति में कई गुना इजाफा होता है।
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