: शिवलिंग पर जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त, जानिए पूजन का सही समय
Sawan Shivratri 2017
2017-07-20 12:41:3
का महीना यानि भगवान शिव की आराधना का विशेष माह। इस माह में भगवान शिव की आराधना के लिए भक्त लालायित रहते हैं, लेकिन विशेष पूजा होती है सावन माह में पड़ने वाली शिवरात्रि को। वैसे तो शिवरात्रि हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है, लेकिन साल में दो बार आने वाली विशेष शिवरात्रि का हिंदू परंपरा में बड़ा ही महत्वपूर्ण स्थान है।
दो बार आती है शिवरात्रि
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि फाल्गुन महीने में कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को आने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है। इसके अलावा दूसरी बार सावन महीने में कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को भी भगवान शंकर की आराधना के साथ शिवरात्रि मनाई जाती है। आस्था यह है कि शिवरात्रि को पूजा आराधना करने से दस गुना पुण्य मिलता है, वहीं भगवान शिव हर मुराद पूरी करते हैं।
दो बार आती है शिवरात्रि
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि फाल्गुन महीने में कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को आने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है। इसके अलावा दूसरी बार सावन महीने में कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को भी भगवान शंकर की आराधना के साथ शिवरात्रि मनाई जाती है। आस्था यह है कि शिवरात्रि को पूजा आराधना करने से दस गुना पुण्य मिलता है, वहीं भगवान शिव हर मुराद पूरी करते हैं।
21 जुलाई को शिवरात्रि
सावन की शिवरात्रि शुक्रवार यानि 21 जुलाई को पड़ रही है। ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि 21 जुलाई को रात्रि 9. 49 मिनट से चतुर्दशी तिथि आरंभ होगी और अगले दिन यानी कि 22 जुलाई को 6.27 मिनट तक रहेगी। इस शुभ समय में भगवान शिव का पूजन कर हर मनोकामना पूरी की जा सकती है। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि सावन माह के प्रारंभ होते ही सृष्टि के पालनकर्ता भगवान विष्णु विश्राम के लिए अपने लोक चले जाते हैं और अपना सारा कार्यभार भगवान शिव को सौंप देते हैं। भगवान शिव माता पार्वती के संग पृथ्वी लोक पर रहकर समस्त धरतीवासियों के संरक्षण का काम करते हैं।