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तमन्ना

हमने  तमन्ना  की  तुझे  पाने  की
ज़माने  ने  तुम्हे  पाने  न  दिया
सोचा  ज़िन्दगी  तनहा  गुज़र  दू
इसे  भी  ज़माने  ने  गवारा  नहीं  किया
आई  जो  तुम  मेरे  ख्वाबो  में
मोहब्बत  ने  मेरी  तुम्हे  जाने  न  दिया …

तीर  नफरतों  के  चले  मेरे  जिगर  पर ,
पहरे  लगा  दिए  गए  गर  तेरी  नज़र  पर ,
तू  साथ  नहीं  है  मेरे , भटकता  हूँ  तनहा ,
कैसे  निकलूँ  किसी  और , नए  सफ़र  पर .

दिल  लगी  की  किसी  को  ऐसी  सज़ा  ना  मिले
प्यार  के  बिना  जीना  ज़िन्दगी  ऐसी

किसी   को  ऐसी  मौत  ना  मिले

कम्  से  कम्  सँभालने  केलिए
दोस्तौं  का  सहारा  तोह  मिले

ज़िन्दगी  में  सब  के  दिन  हैं  चार
उस्समे  किसी  को  भी  इतने  ग़म  ना   मिले

मोहब्बत  होती   नहीं   सबसे  ज़िन्दगी  में
जिस  से  भी  हो   मोहब्बत  हो  दिल  से

बस  दिल  को  उस  से  बेवफाई  ना  मिले
हम   तोह  जी  लेंगे  कैसे  भी  उनके  बिना

बस  हमारी  वझे  से  उनकी  आँखौं
को  कभी  आंसू  ना  मिले  ये  दुआ  है  मेरी

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SANTOSH PIDHAULI

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