देवताओं में भगवान श्री कृष्ण विष्णु के अकेले ऐसे अवतार हैं जिनके जीवन के हर पड़ाव के अलग रंग दिखाई देते हैं। उनका बचपन लीलाओं से भरा पड़ा है। उनकी जवानी रासलीलाओं की कहानी कहती है, एक राजा और मित्र के रूप में वे भगवद् भक्त और गरीबों के दुखहर्ता बनते हैं तो युद्ध में कुशल नितिज्ञ। महाभारत में गीता के उपदेश से कर्तव्यनिष्ठा का जो पाठ भगवान श्री कृष्ण ने पढ़ाया है आज भी उसका अध्ययन करने पर हर बार नये अर्थ निकल कर सामने आते हैं।
भगवान श्री कृष्ण के जन्म लेने से लेकर उनकी मृत्यु तक अनेक रोमांचक कहानियां है। इन्ही श्री कृष्ण के जन्मदिन को हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले और भगवान श्री कृष्ण को अपना आराध्य मानने वाले जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। इस दिन भगवान श्री कृष्ण की कृपा पाने के लिये भक्तजन उपवास रखते हैं और श्री कृष्ण की पूजा अर्चना करते हैं।
कब हुआ श्री कृष्ण का जन्म्
जन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को ही कहा जाता है। पौराणिक ग्रंथों के मतानुसार श्री कृष्ण का जन्म का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में मध्यरात्रि के समय हुआ था। अत: भाद्रपद मास में आने वाली कृष्ण पक्ष की अष्टमी को यदि रोहिणी नक्षत्र का भी संयोग हो तो वह और भी भाग्यशाली माना जाता है इसे जन्माष्टमी के साथ साथ जयंती के रूप में भी मनाया जाता है।
जन्माष्टमी पर्व तिथि व मुहूर्त 2018
2 सितंबर
निशिथ पूजा– 23:57 से 00:43
पारण– 20:05 (3 सितंबर) के बाद
रोहिणी समाप्त- 20:05
अष्टमी तिथि आरंभ – 20:47 (2 सितंबर)
अष्टमी तिथि समाप्त – 19:19 (3 सितंबर
🚩श्री गणेशाय नम:
जन्माष्टमी की पूजा के लिए जो सामग्री चाहिए उनमें शामिल हैं-
तिल 100
हल्दी 1
एक खीरा 1
कपूर 1
तिल 100
हल्दी 1
एक खीरा 1
कपूर 1
चौकी, 1
लाल वस्त्र, 2
बाल गोपाल की मूर्ति, 1
गंगाजल, 1
मिट्टी का दीपक 7
कलश 1 चार मुक्ती दीप1 ढक्कन 1
, घी, 500 ग्रांम
रूई की बत्ती, 2
धूप, 200 ग्रांम
चंदन, रोली, 1
अक्षत, 100 ग्रांम
तुलसी , पता
जो 100 ग्रांम
कच्चा चावल आधा किलो
पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का मिश्रण)
मक्खन, मिश्री, 250 ग्रांम
मिष्ठान/ 1 किलो
नैवैद्य, फल, पांच फल
बाल गोपाल के लिए वस्त्र, श्रृंगार की सामग्री
(मुकुट, मोतियों की माला,
बांसुरी 1
मोर पंख) 1
, इत्र,
फूलमाला, फूल 5+ 500 ग्रांम गुलाब पंख
पालना. 1
पान 11
केला 24
आम पता 1
केला का पत्ता 1
सुपारी 12
अगरबत्ती 5
रक्षा सूत्र
हवन सामग्री 1 किलो
एक गोला
हवन लकड़ी 2 किलो
एक पान
घी 500 ग्राम
हवन कुंड एक
सामाग्री- प्रसाद
100 ग्राम धनिया पाउडर
3 चम्मच देसी घी
1/2 कप मखाना
1/2 कप चीनी
10 से 12 काजू
10 से 12 बादाम
1 चम्मच चिरौंजी
बनाने की विधि-
धनिए की पंजीरी बनाने के लिए सबसे पहले एक कढ़ाई में घी गर्म करें। इसके बाद कढ़ाई में धनिया पाउडर मिलाकर अच्छी तरह से भून लें। धनिया पाउडर भूनने के बाद इसमें बारिक टुकड़ों में मखानों को काटकर भूनें। इसके बाद उन्हें दरदरा पीस लें। इसके बाद सभी मेवों को इसमें मिला दें। आपकी पंजीरी तैयार है।
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