देशभर में दुर्गा अष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है।
यह पर्व बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। इस दिन महागौरी की पूजा की जाती है। साथ ही कन्याओं को भोजन करवाया जाता है। देशभर में दुर्गा पूजा आरंभ हो चुकी है।
पंडालों में माता दुर्गा की प्रतिमाएं स्थापित की जा चुकी हैं। समस्त वातावरण मां की भक्ति में डूबा हुआ नजर आ रहा है। नवरात्रि के आठवें दिन का खास महत्व है। इसे दुर्गा अष्टमी कहा जाता है। दुर्गा अष्टमी के दिन छोटी कन्याओं को भोजन करवाया जाता है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन 12 वर्ष तक की कन्याओं को भोजन करवाना और उनका पूजन करना शुभ माना जाता है।
कहते हैं कि पृथ्वी पर छोटी कन्याएं मां दुर्गा का प्रतिनिधित्व करती हैं। इस दिन 5, 7, 9 और 11 की संख्या में लड़कियों के समूह को भोजन के लिए आमंत्रित किया जाता है।
पूजा विधि: कन्या पूजन की विधि इस प्रकार से है।
– दुर्गा अष्टमी के दिन सूर्योदय से पहले जगें और स्नान करके स्वच्छ हो जाएं।
– प्रसाद के लिए खीर, पूरी, और हलवा आदि घर पर तैयार करें।
– कन्याओं और एक बालक को बुलाकर जल से उनका पांव धोएं। और उन्हें बैठने के लिए आसन दें।
– प्रसाद तैयार हो जाने पर माता दुर्गा का भोग लगाएं।
– अब कन्याओं और बालक को खीर, पूरी और हलव प्रसाद स्वरूप खिलाएं।
– भोजन कराने के बाद उन्हें टीका लगाएं और कलाई पर रक्षा बांधें।
– कन्याओं को कुछ उपहार देकर विदा करें। और उनका पैर छूकर आशीर्वाद लें।
शुभ मुहूर्त: इस साल 17 अक्टूबर, दिन बुधवार को दुर्गा अष्टमी पड़ रही है। कन्या पूजन के लिए शुभ मुहूर्त का पालन किया जाना जरूरी बताया गया है।
– सुबह 6 बजकर 28 मिनट से लेकर 9 बजकर 20 मिनट तक।
– सुबह 10 बजकर 46 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक।
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