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चाँद सितारों

santosh says

भूमिका

मैं रोया परदेश में भीगा माँ का प्यार

दुख ने दुख से बात की, बिन चिट्ठी बिन तार।

याबहनें चिड़िया धूप की, दूर गगन में आएँ हर आँगन मेहमान-सी, पकड़ो तो उड़ जाएँ।
santosh says

मेरे खाबों के झरोखों को सजाने वाली
तेरे खाबों में कहीं मेरा गुजर है के नहीं
पूछकर अपनी निगाहों से बता दे मुझको
मेरी रातों के मुकद्दर में सहर है के नहीं
santosh says

चार दिन की ये रफाकत जो रफाकत भी नहीं
उम्र भर के लिए आजार हुई जाती है
ज़िंदगी यूं तो हमेशा से परेशान सी थी
अब तो हर साँस गिरां बार हुई जाती हैsantosh says

मेरी उजड़ी हुई नींदों के शबिस्तानों में
तू किसी खाब के पैकर की तरह आई है
कभी अपनी सी , कभी गैर नज़र आती है
कभी इख्लास की मूरत कभी हरजाई है

santosh says
प्यार पर बस तो नहीं है मेरा, लेकिन फ़िर भी
तू बता दे के तुझे प्यार करूं या ना करूं
तुने ख़ुद अपने तबस्सुम से जगाया है जिन्हें
उन तमन्नाओं का इजहार करूं या न करूं

santosh says तू किसी और के दामन की कली है लेकिन
मेरी रातें तेरी खुशबू से बसी रहती हैं
तू कहीं भी हो तिरे फूल से आरिज़ कि कसम
तेरी पलकें मिरी आंखों पे झुकी रहती हैं

तेरे हाथों की हरारत, तेरे साँसों की महक
तैरती रहती है एहसास की पहनाई में
ढूँढती रहती हैं तखईल की बाहें तुझको
सर्द रातों की सुलगती हुई तन्हाई में तेरा अल्ताफ-ओ-करम एक हकीकत है मगर
ये हकीकत भी हकीकत में फ़साना ही न हो
तेरी मानूस निगाहों का ये मोह्तात पयाम
दिल के खूँ करने का एक और बहाना ही ना हो
कौन जाने मेरे इमरोज़ का फरदा क्या है
कुर्बतें बढ़ कर पशेमाँ भी हो जाती हैं
दिल के दामन से लिपटी हुई रंगीन नज़रें
देखते-देखते, अनजान भी हो जाती हैं
मिरी दर्मान्दा जवानी की तमन्नाओं के
मुज्म्हिल खाब की ताबीर बता दे मुझको
तेरे दामन में गुलसिताँ भी हैं, वीराने भी
मेरा हासिल, मिरी तकदीर बता दे मुझको

दोस्तों की कमी को पहचानते हैं हमदुनिया के गमो को भी जानते हैं हम आप जैसे दोस्तों का सहारा है
तभी तो आज भी हँसकर जीना जानते हैं हम
आज हम हैं कल हमारी यादें होंगी

जब हम ना होंगे तब हमारी बातें होंगीकभी पलटोगे जिंदगी के ये पन्ने तब शायद आपकी आंखों से भी बरसातें होंगी
कोई दौलत पर नाज़ करते हैंकोई शोहरत पर नाज़ करते हैं

जिसके साथ आप जैसा दोस्त होवो अपनी किस्मत पर नाज़ करते हैं हर खुशी दिल के करीब नहीं होतीज़िंदगी ग़मों से दूर नहीं होती
इस दोस्ती को संभाल कर रखना

क्यूंकि दोस्ती हर किसी को नसीब नहीं होती
रेत पर नाम लिखते नहींरेत पर लिखे नाम कभी टिकते नहीं लोग कहते हैं पत्थर दिल हैं हम
लेकिन पत्थरों पर लिखे नाम कभी मिटते नहीं

दिल से दिल की दूरी नहीं होतीकाश कोई मज़बूरी नहीं होती आपसे अभी मिलाने की तमन्ना है
लेकिन कहते हैं हर तमन्ना पुरी नहीं होती
फूलों से हसीं मुस्कान हो आपकी

चाँद सितारों से ज्यादा शान हो आपकीज़िंदगी का सिर्फ़ एक मकसद हो आपका कि आंसमा से ऊँची उड़ान हो आपकी
वक्त के पन्ने पलटकरफ़िर वो हसीं लम्हे जीने को दिल चाहता है

कभी मुशाकराते थे सभी दोस्त मिलकरअब उन्हें साथ देखने को दिल तरस जाता है

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SANTOSH PIDHAULI

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