जान
जान
जब होता है तुम्हारा दीदार,
दिल धङकता है बार-बार,
आदत से मजबुर हो तुम,
ना जाने कब माँग लो उधार
हर तरफ खामोशी का साया है,
जिसे चाहते थे हम वो अब पराया है,
गिर पङे है हम मोहब्बत की भुख से,
और लोग कहते है की पीकर आया है
जान से भी ज्यादा उन्हे प्यार किया करते थे,
याद उन्हे दिन रात किया करते थे,
अब उन राहो से गुजरा नही जाता,
जहा बैठ कर उनका ईँतजार किया करते थे
प्यासे को इक कतरा पानी काफी है,
ईश्क मे चार पल की जिंदगी काफी है,
डुबने को समँदर मे जायेँ क्यो,
उनकी पलको से टपका वो आँसु ही काफी है
हकीकत जान लो जुदा होने से पहले,
मेरी सुन लो अपनी सुनाने से पहले,
ये सोच लेना भुलाने से पहले,
बहुत रोई है ये आँखे …
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