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जान

जान

santosh

जब होता है तुम्हारा दीदार,

दिल धङकता है बार-बार,

आदत से मजबुर हो तुम,

ना जाने कब माँग लो उधार

हर तरफ खामोशी का साया है,

जिसे चाहते थे हम वो अब पराया है,

गिर पङे है हम मोहब्बत की भुख से,

और लोग कहते है की पीकर आया है

santosh says
जान से भी ज्यादा उन्हे प्यार किया करते थे,

याद उन्हे दिन रात किया करते थे,

अब उन राहो से गुजरा नही जाता,
santosh says

जहा बैठ कर उनका ईँतजार किया करते थे

प्यासे को इक कतरा पानी काफी है,

ईश्क मे चार पल की जिंदगी काफी है,

डुबने को समँदर मे जायेँ क्यो,

उनकी पलको से टपका वो आँसु ही काफी है

हकीकत जान लो जुदा होने से पहले,

मेरी सुन लो अपनी सुनाने से पहले,

ये सोच लेना भुलाने से पहले,

बहुत रोई है ये आँखे …

santosh kumar jha

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SANTOSH PIDHAULI

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