ना दिल
ना दिल से होता है
ना दिमाक से होता है
ये प्यार तो इतफाक से होता है
और क्या कहे प्यार करके भी
प्यार न मिले ये इतफाक सिर्फ हामारे साथ होता हैं”
“आंसू पौछकर हंसाया है मुझे
मेरी गलती पर भी सीने से लगाया है मुझे
कैसे प्यार न हो ऐसे दोस्त से
जिसकी दोस्ती ने जीना सिखाया है मुझै ”
तु दिल में ना जाये तो मैं क्या करू
तु ख्यालों से ना जाये तो मैं क्या करू
कहते है ख्वावों में होगी मुलाकात उनसे
पर नींद न आये तो मैं क्या करू ”
“बिकता अगर प्यार जो कौन नहीं खरीदता
बिकती अगर खुशियां तो कौन उसे बेचता
दर्द अगर बिकता तो हम आपसे खरीद लेते
और आपकी खुशियों के लिए हम खुद को बेच देते”
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