बिन बात के ही रूठने की आदत है,
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है,
आप खुश रहें,
मेरा क्या है,
मैं तो आइना हूँ,
मुझे तो टूटने की आदत है
कोई चाँद से मोहब्बत करता है,
कोई सूरज से मोहब्बत करता है,
हम उनसे मोहब्बत करते हैं,
जो हमसे मोहब्बत करते हैं
चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो,
सांसों में मेरी खुशबु बन के बिखर जाते हो,
कुछ यूँ चला है तेरे
'इश्क' का जादू,
सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो
इश्क है वही जो हो एक तरफा,
इजहार है इश्क तो ख्वाईश बन जाती है,
है अगर इश्क तो आँखों में दिखाओ,
जुबां खोलने से ये नुमाइश बन जाती है
दीवाने तेरे हैं, इस बात से इनकार नहीं,
कैसे कहें कि हमें आपसे प्यार नहीं,
कुछ तो कसूर है आपकी निगाहों का,
हम अकेले तो गुनेहगार नहीं
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