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वो हमारा


वो हमारा इमतिहान क्या लेगी मिलेगी नजरों से नजर तो नजर झुका लेगीउसे मेरी कब्र पर दिया जलाने को मत कहनावो नादान है दोस्तो अपना हाथ जला लेगी।

देकर हाथ दोस्ती का वापिस लिया नहीं जाता
इस नाजुक दोस्ती को जख्म दिया नहीं जाता
सचमुच यह दुनिया बड़ी जालिम है
SMS सस्ता है फिर भी आपसे किया नहीं जाता।

हमारी आपकी दोस्ती बिल्कुल फिक्स है
लव इमोशन सैडनेस सबकुछ मिक्स है
हम तो आपको न भूलेंगे कभी
आप भूल जायें बस थोड़ा रिस्क है।

हम पे भी वो वक्त आया था 
किसी को आंखों में बसाया था 
उसी ने लूट लिया मेरा जहां 
जिसे इस दिल की धड़कन बनाया था।



ये कितनी प्यारी मेरी तितली 


तू मेरे देश से आई तितली ,
मेरा दिल बहलाए तितली 

फूल फूल बैठी कर आए तितली
 बच्चो को मन बहलाई तितली

 रंग बिरंगे फूल खिले हें
 फूलोँ के रस पीने से आई तितली

कितने सुंदर कितने प्यारे देख हे
 ये कितनी प्यारी मेरी तितली 




जब ये बच्चे तितली देखेँ उनके पीछे पीछे भागे उनको पाकर ना पाइए फिर भी बच्चे को देखे

 इनके पीछे पीछे भागऐ के पकर ना पाये फिर भी उनके पीछे पिछे भागे ही के

 तितली जोर लगा के आगे आगे
वह उर जाति देखो कितनी सुंदर दिखती

                   
       

शायरी लव लाईफ

"कितनो की तकदीर बदलनी है तुम्हे,कितनो की तकदीर बदलनी है तुम्हे,
कितनो को रास्ते पे लाना है तुम्हे,
अपने हाथ की लकीरो को मत देखो,
इन लकीरो से आगे जाना है तुम्हे."

"होठों को छुआ उसने तो, एहसास अब तक है, आंखे नम हुई तो सांसो में आग अब तक है, वक़्त गुजर गया, पर उसकी याद नही गई, क्या कहूं, 'हरी मिर्च का स्वाद अब तक है'। "

"आती हो गली मे हीर की तरह, लगती हो मीठी खीर की तरह, आंखों मे चुभी हो तीर की तरह, पर अब समझ चुका हूं कि तुम मुझे,भीख मंगवाओगी फकीर की तरह"

"इसे पहलॆ की दिलो मॆ नफरत जागे,
आओ एक शाम मोहब्बत मे बिता दि जाए ....
करके कुछ मोहब्बत की बातें,
शाम की मस्ती बांध दी जाये."
      
संतोष कुमार

जगजीत सिंह की गजलें


नजर मुझ सेँ मिलाती हो तुम सरमा सी जाती हो इसिको प्यार कहते है इसिको प्यार कहते है इसिको प्यार कहते हे इसिको प्यार कहते हे

नजर मुझ सेँ मिलाती हो तुम सरमा सी जाती हो इसिको प्यार कहते है इसिको प्यार कहते है इसिको प्यार कहते हे इसिको प्यार कहते हे

जबा खामोस है लेकिन निगाहे बात करती है जबा खामोस है लेकिन निगाहे बात करती है
आदाऐ लाख दिल को आदाऐ बात करती है नजर निची किऐ दाँतो में अगुली को दबाती हो इसिको प्यार कहते है इसिको प्यार कहते हे इसिको प्यार कहते है इसिको प्यार कहते हे

छुपाले सें मेरी जानम कही प्यार क्या छुपता है छुपाले सें मेरी जानम कही प्यार क्या छुपता है
ये ऐसा मुकस है खुशबु हमेसा देता रहता है तुम तो सब जानती हो फिर भी मुझ सताती हो
इसिको प्यार कहते हे इसिको प्यार कहते हे इसिको प्यार कहते हे इसिको प्यार कहते हे

तुमहारी प्यार का ऐसे हमे इजहार मिलता है तुमहारी प्यार का ऐसे हमे इजहार मिलता है हमारी नाम सुनते हि तुमहार रंग खिलता है ओर फिर साजे दिल पर तुम हमहारे गीत गाते हो इसिको प्यार कहते हे इसिको प्यार कहते हे इसिको प्यार कहते हे इसिको प्यार कहते हे

तुमहार धर मे जब आऊ छुप जाती हो परदे मे तुमहार धर मे जब आऊ छुप जाती हो परदे मे मुझ देख ना पाओ  तो घबराती परदे मे खुद चिलमन उठा कर फिर इशारे खुद बुलाते हो इसिको प्यार कहते हे इसिको प्यार कहते हे इसिको प्यार कहते हे इसिको प्यार कहते हे

नजर मुझ सेँ मिलाती हो तुम सरमा सी जाती हो इसिको प्यार कहते हे इसिको प्यार कहते हे
नजर मुझ सेँ मिलाती हो तुम सरमा सी जाती हो इसिको प्यार कहते हे इसिको प्यार कहते हे

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जगजीत सिंह की गजलें

हैप्पी वेलेंटाइन दिवस


बिन बात के ही रूठने की आदत है,
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है, 
आप खुश रहें, 
मेरा क्या है, 
मैं तो आइना हूँ,
 मुझे तो टूटने की आदत है

कोई चाँद से मोहब्बत करता है,
कोई सूरज से मोहब्बत करता है,
 हम उनसे मोहब्बत करते हैं,
जो हमसे मोहब्बत करते हैं


चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो, 
सांसों में मेरी खुशबु बन के बिखर जाते हो,
कुछ यूँ चला है तेरे

 'इश्क' का जादू,
 सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो


इश्क है वही जो हो एक तरफा,
इजहार है इश्क तो ख्वाईश बन जाती है,

 है अगर इश्क तो आँखों में दिखाओ, 
जुबां खोलने से ये नुमाइश बन जाती है

दीवाने तेरे हैं, इस बात से इनकार नहीं, 
कैसे कहें कि हमें आपसे प्यार नहीं,
 कुछ तो कसूर है आपकी निगाहों का, 
हम अकेले तो गुनेहगार नहीं

दोस्ती


रेत की जरूरत रेगिस्तान को होती है,
सितारों की जरूरत आसमान को होती है,
आप हमें भूल न जाना, क्योंकी 
दोस्त की जरूरत हर इंसान को होती है.......



कोई अच्छी सी सज़ा दो मुझको,
चलो ऐसा करो भूला दो मुझको,

तुमसे बिछडु तो मौत आ जाये
दिल की गहराई से ऐसी दुआ दो मुझको.

न मिले किसी का साथ तो हमें याद करना,
तन्हाई महसूस हो तो हमें याद करना....,



खुशियाँ बाटने के लियें दोस्त हजारो रखना,
जब ग़म बांटना हो तो हमें याद करना .....

कोई दोस्त कभी पुराना नहीं होता,
कुछ दिन बात न करने से बेगाना नहीं होता,

दोस्ती में दुरी तो आती रहती हैं,
पर दुरी का मतलब भुलाना नहीं होता.


उलझन कोई आए तो मुझसे न छुपाना,
साथ न दे जुवा तो आँखों से जताना,
हर कदम पे साथ हैं हम आपके,
अगर अपना समझते हो तो..
एक बार नहीं दस बार आज़माना.

दिल में इंतजार की लकीर छोर जायेगे॥
आँखों में यादो की नमी छोर जायेगे,
ढूंढ़ते फिरोगे हमें एक दिन ........



जिन्दगी में एक दोस्त की कमी छोर जायेगे.

हर कोई साथ हो ये जरुरी नहीं होता,
जगह तो दिल में बनायीं जाती हैं,
पास होकर भी दोस्ती इतनी अटूट नहीं होती,
जितनी की दूर रह कर निभाई जाती हैं.

“दिल”


पत्थर होने सें तो अच्छा था,
चला जाता साथ उनके,
, दिल इस उजरे दयार की जगह,
शान से रहता पहलू में उनके |
                         *   *      *    *
    गम नहीं चले गए वह जिन्दगी सें ,
    अफसोस, मगर की दिल पत्थर कर गए,

    मुस्कराएगा, सोचकर गए हम महफिल में ,
    हॅँसना तो दूर, कमबख्त धरकना भी नहीं |

                      *   *      *    *
कभी जिनकी हॅंसी पर इतराया था,
आज, उन्हीं के पैगामों सें टूट गया |

                   *   *      *    *
जब होश नही था जिन्दगी का,
तो मेरे पास में रहता था,
      जब से आया होश तभी से,
       उनके” दामन में चला गया |
                     *   *      *    *

चेहरे की खिलावट पर जिनकी,
यह मचल-मचल कर जाता था,
       आया जो पैगामें रुसवाँ,
       तो टूकरे-टूकरे हो गया |
               *   *      *    *

पैगामे-वफा का देख लिफाफा,
कली ज्यों खिल जाता था,
       हुआ सामना सूरतसे,तो
       शाम के सूरज ज्यूं डूब गया |
               *   *      *    *

SANTOSH PIDHAULI

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