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सायरी वो भी लव सायरी (हिन्दी)









जिसे समुझते थे हम अपनी ज़िन्दगी की तरहां
वो आशना भी मिला है अजनबी की तरहां

बोहोत ही टूट के चाहा था ये खियाल न था
की दोस्ती भी करेगा वो अजनबी की तरहां
हमें तू पियर के बदले में गम नसीब होगा
मिली न हम


को ख़ुशी भी कभी ख़ुशी की तरहां
कभी अकेले में बैठों तो गुन गुनाऊ तुझे
के आये मेरे लबों पे तू सायरी की तरहां


एक चिडिया को एक सफ़ेद 
गुलाब से प्यार हो गया , 
उसने गुलाब को प्रपोस किया ,
गुलाब ने जवाब दिया की जिस दिन मै लाल हो जाऊंगा उस दिन मै तुमसे प्यार करूँगा ,





जवाब सुनके चिडिया गुलाब के आस पास काँटों में लोटने लगी और उसके खून से गुलाब लाल हो गया,
ये देखके गुलाब ने भी उससे कहा की वो उससे प्यार करता है पर तब तक चिडिया मर चुकी थी







तु मेरे गलियो मे आया है दिवानो की तरह
मै चला जाऊंगा कही और बहानो की तरह
अईसे ना देख तु हमके हम दिवाना हईँ-2
कहीलेँ खाके किरीया हम परवाना हईँ-2
हम त मर जाईब अब ईहवा लाशो की तरह
तु मेरे गलियो मे आया है दिवानो कि तरह
अईसे ना पलक झुकावऽ
रम के मारे-2
केतना करेलू तु प्यार हमे बता दे-2
हम पर भी बरस जा तु बरसातो की तरह
तु मेरे गलियो मे आया है दिवानो कि तरह
काहे मिलेलू तु हमसे अनजान
बनके-2
आवऽ न पास तु हमरा,हमार जान बनके-2
दिल से हेराईल मुकेश के पहचानोगे किधर
तु मेरे गलियो मे आया है दिवानो कि तर

1. तहार मुस्कान हमार कमजोरी बा
कह ना पावल हमार मजबुरी बा
तु काहे ना समझेलू हमार चुप रहल,
का चुप्प रहला के जुबान दिरुरी बा ।

2.हम के मत कहऽ शेर सुनावे खातिर
आपन दिल चीर के दिखावे खातिर
हम त सायरी करीना
,
खाली आपन दर्द मिटावे खातिर
3.तु करीब ना अईलू त ईजहार का करती
खुद बन गईनी शिकार त शिकार का करती
मर गईनी पर खुलले रहे आँख
,
एकरा से ज्यादा तहार इंतजार का करती
4.हर दिल क एगो राज होला
हर बात क एगो अंदाज होला
जब तक ना लागे बेवफाई के ठोकर
,
हर केहू के अपना पसंद पर नाज होला ।
5.खुशी क एगो संसार लेके आईब
पतझङ मे भी बहार लेके आईब
जब भी बोलईबू प्यार से
,
मौत से भी सांस उधार लेके आईब





गोकुल यमुना घाट


“कल रात आखो में एक आँसू आया 
में ने उसे पूछा तू बहार क्यों बहार आया ? 
तो उसने बोला की कोई मेरे आखो पे इतना है समाया की 
में चाह कर भी आपनी जगह बना नही पाया ““कोई कहे मोहब्बत की किरदार से 
प्यार वो साया है जो मिलता नही है हजारो से 
हम तो पहेले ही जले बैठे महोबत में क्यों डरते है 
देहेकते आन्गारू से “ 
“कसीस दिल की हर चीज सिखा देती है
बंद आखो में सपना सज देती है 
सपनों की दुनिया जरूर सजाकर रखना 
क्यों की हकीकत तो एक दिन सब को रुला देती है “ “आपनो ने हमें जेहेरका जम दे दिया 
प्यार को बेवफाई का नाम दे दिया 
जो कहेते थे भूल ना जाना 
उन्हों ने तो भूल जाने का पैगाम दे दिया “ “अपनों से नाता तोड़ देते है

रिश्ता गिरो से जोड़ लेते है 
बहो में रहेकर किसी की वो 
हमसे वफ़ा का इकरार करते है 
ये कैसे चाहत है ये जानकर भी 
pujaसे प्यार करते है “




कहने को कह गए कई ……………..
कहने को कह गए कई बात ख़ामोशी से
कटते-कटते कट ही गई रात ख़ामोशी से
न शोर-ए-हवा, न आवाज़-ए-बर्क़ कोई
निगाहों में अपनी हर दिन बरसात ख़ामोशी से
शायद तुम्हें ख़बर न हो लेकिन यूँ भी
बयाँ होते हैं कई जज्बात ख़ामोशी से
दिल की दुनिया भी कितनी ख़ामोश दुनिया है
किसी शाम हो गई इक वारदात ख़ामोशी से
माईले-सफर हूँ, बुझा-बुझा तन्हा-तन्हा
पहलू में लिए दर्द की कायनात ख़ामोशी से
मुट्ठी में रेत उठाये चला था जैसे मैं
आहिस्ता-आहिस्ता सरकती गई हयात ख़ामोशी से



कहने को कह गए कई बात ख़ामोशी से
कटते-कटते कट ही गई रात ख़ामोशी से
न शोर-ए-हवा, न आवाज़-ए-बर्क़ कोई
निगाहों में अपनी हर दिन बरसात ख़ामोशी से
शायद तुम्हें ख़बर न हो लेकिन यूँ भी
बयाँ होते हैं कई जज्बात ख़ामोशी से



दिल की दुनिया भी कितनी ख़ामोश दुनिया है
किसी शाम हो गई इक वारदात ख़ामोशी से
माईले-सफर हूँ, बुझा-बुझा तन्हा-तन्हा
पहलू में लिए दर्द की कायनात ख़ामोशी से
मुट्ठी में रेत उठाये चला था जैसे मैं
आहिस्ता-आहिस्ता सरकती गई हयात ख़ामोशी से


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