के हम रोज़ मिला करते थे ,
रात भर चाँद के हमराज़ फिरा करते थे ,
देख कर जो हमें चुप चाप गुज़र जाते है ,
कभी उस शख्स से हम प्यार किया करते थे .
कोई साथ ना दे मेरा ,चलना मुझे अता है .
हर आग से वाकिफ हूँ ,जलना मुझे अता है
यूँ तो गुज़र रहा है , हर इक पल ख़ुशी के साथ ,
फिर भी कोई कमी सी है , क्यों ज़िन्दगी के साथ
रिश्ता वफायें दोस्ती , सब कुछ तो पास है ,
क्या बात है पता नहीं , दिल क्यूँ उदास है ,
हर लम्हा है हसीं , नयी दिलकशी के साथ ,
फिर भी कोई कमी सी है , क्यों ज़िन्दगी के साथ
चाहत भी है सुकून भी है दिलबरी भी है ,
आँखों में खवाब भी है , लबों पर हंसी भी है ,
दिल को नहीं है कोई , शिकायत किसी के साथ ,
फिर भी कोई कमी सी है , क्यूँ ज़िन्दगी के साथ
सोचा था जैसा वैसा ही जीवन तो है मगर ,
अब और किस तलाश में बैचैन है नज़र ,
कुदरत तो मेहरबान है , दरयादिली के साथ ,
फिर भी कोई कमी सी है , क्यूँ ज़िन्दगी के साथ
उड़ के करना क्या है ?
जब येही जीना है दोस्तों तो फिर मरना क्या है ?
पहेली बारिश में ट्रेन लेट होने की फ़िक्र है
भूल गए भीगते हुए तहेलना क्या है ?
सेरैल्स के किरदारों का सारा हाल है मालूम
पर माँ का हाल पूछने की फुर्सत किसे है ?
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