प्यार डर
“आपकों प्यार करने से डर लगता है
आपकों खोने से डर लगता है
कहीं आखों से गुम ना हो जाये याद
अब रात में सोने से डर लगता है”
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- यूं तो आपको रोज याद कर लिया करते है
मन ही मन में देख लिया करते है
क्या हुआ अगर आप पास नहीं है
हम तो दलि में मूलाकात कर लिया करते हैं ”
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याद में तेरी आखं भरता है कोई
सांस के साथ तुझे याद करता है कोई
मौत सच्चाई है इक रोज सबको आनी है
तेरी जुदाई में हर रोज मरता है कोई ”
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दीवाने है तेरे नाम के इस बात से इंकार नहीं
कैसे कहे कि तुमसे प्यार नहीं
कुछ तो कसूर है आपकी आखों का
हम अकेले तो गुनहगार नहीं ”
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