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सरहद

मेरे दिल कि सरहद को पार न करना
नाजुक है दिल मेरा वार न करना,
खुद से बढ़कर भरोसा है मुझे तुम पर,
इस भरोसे को तुम बेकार न करना..



इंसान की कोशिश दिल की हर चीज़ भुला देती है;
बात जब दोस्ती की हो तो, बंद आखों में भी सपने सजा देती है;
इस जिंदगी में सपनों की दुनिया जरुर रखना मेरे दोस्त;
क्योंकि हकीकत तो अक्सर लोगो को रुला देती है!...............



इन आँखों तू बसना इन सांसो में तू बसना....
निकले जब ये आशु मेरे इन आशु में तू दिखना....
मोदी के ये आशु कहे तेरा दीदार करता रहू...

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SANTOSH PIDHAULI

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